Wednesday, January 22, 2014

No job can't be an excuse for not maintaining wife, child: HC -Jagran

Wed, 22 May 2013 07:34 PM (IST)



मुंबई। बांबे हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि अगर पति बेरोजगार है तो भी वह अपनी बीवी और बच्चे के भरण-पोषण के लिए गुजारा भत्ता देने को बाध्य है। नौकरी न होने का हवाला देकर वह जिम्मेदारियों से बच नहीं सकता।







नागपुर पीठ के जस्टिस एमएल तहिलयानी ने कहा कि मामले में पत्नी [शशि] से अलग रह रहे पति [महेश] की दलीलें स्वीकार करने योग्य नहीं हैं। शशि ने खुद अपने और सात माह की पुत्री नीता के लिए गुजारा भत्ते की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले परिवार न्यायालय ने सितंबर 2012 में शशि को हर माह 1500 रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश पति महेश को दिया था। लेकिन उसकी बेटी के लिए गुजारा भत्ता देने की मांग यह कहते हुए ठुकरा दी थी कि उसका अभी कोई खर्च नहीं है। अब हाई कोर्ट ने शशि को 1500 रुपये के अलावा उसकी बेटी के लिए 1000 रुपये प्रतिमाह देने का आदेश महेश को दिया है।

बेरोजगारी का महेश का तर्क खारिज करते हुए जज ने कहा कि अगर वह काम नहीं करता है तो इसके लिए पत्नी और उसकी बेटी दोषी नहीं है। उसे अपनी पत्नी और बेटी के जीवन निर्वाह का दायित्व वहन करना ही होगा। अदालत ने आदेश अगस्त 2012 से प्रभावी करते हुए महेश से बकाया राशि देने को भी कहा है।



No job can't be an excuse for not maintaining wife, child: HC 10414575

No comments:

Post a Comment

Please let us know your comments!