bhaskar news | Jan 17, 2014,
06:16AM IST
छात्रा ने बुधवार को सिटी वैन में बेहोश करने और ज्यादती की कहानी सुनाई तो अफसर सकते में आ गए। डीआईजी राकेश गुप्ता ने छात्रा से बात की तो लगा कि छात्रा झूठ बोल रही है। मामला संगीन होने से पुलिस ने अज्ञात सिटी वैन चालक सहित तीन के खिलाफ गैंगरेप, बाल संरक्षण अधिनियम, अपहरण की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने छात्रा की कहानी में कई कमजोर तथ्य ढूंढे फिर उसके बॉयफ्रेंड धर्मेंद्र पिता अतरसिंह परिहार निवासी द्रविड़नगर को पकड़ लिया। छात्रा को रात 1.30 बजे जब उसके सामने खड़ा किया तो पूरी कहानी साफ हो गई। यह भी पता चला छात्रा ने उसे नाम भी गलत बताया था।
सहेली के यहां नहीं गई
एएसपी ने बताया छात्रा सहेली के यहां जाने का कहकर निकली थी, लेकिन धर्मेंद्र के साथ बाइक पर घूमने निकल गई। वे रीजनल पार्क गए, फिर मेघदूत उपवन में बैठे रहे। वहां से धर्मेद्र छात्रा को फूटी कोठी के पास दोस्त भूपेंद्र के कमरे पर ले गया। वहां भूपेंद्र नहीं था और मकान मालकिन ने दोनों को डांटकर भगा दिया। रात होने पर धर्मेंद्र ने छात्रा को छोड़ दिया और वह घर पहुंच गई।
मुझे बोली अब घर नहीं जाऊंगी : बॉयफ्रेंड
धर्मेंद्र ने भास्कर को बताया कि मैं छतरपुर का रहने वाला हूं। वैष्णव पॉलिटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा करने के साथ स्टोन क्रशर पर काम भी करता हूं। छात्रा पास के मोहल्ले में रहती है। कुछ दिन पहले ही दोस्ती हुई थी। मंगलवार को छात्रा ने मुझे बाहर खाना खिलाया था। बुधवार दोपहर मेरा टर्न था। छात्रा मुझसे मिली और बताया उसका भाई से झगड़ा हो गया है और अब वह घर नहीं जाएगी और मुझे बोली कि अब तुम्हारे साथ रहूंगी। मैंने उसे दिनभर घुमाने में 250 रुपए खर्च कर दिए। मैंने समझाकर घर जाने का कहा। फूटी कोठी चौराहे पर मेरी गाड़ी का पेट्रोल भी खत्म हो गया था। मैंने जैसे-तैसे उसे महूनाके पर छोड़ा। पुलिस ने पकड़ा तो गैंगरेप की कहानी का पता चला।
ज्यादती की धारा हटेगी
एएसपी कल्याण चक्रवर्ती ने बताया मेडिकल जांच में पता चला छात्रा के साथ ज्यादती नहीं हुई है। धर्मेंद्र को अपहरण व अन्य धारा के तहत आरोपी बनाया है। उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। छात्रा के धारा 164 के तहत कोर्ट में बयान कराए गए हैं।
ऐसे सामने आया सच
-छात्रा ने कहा रूमाल सुंघाकर बेहोश किया, लेकिन ऐसा कोई पदार्थ आता ही नहीं जो पहले से रूमाल में डालकर रखा जाए और व्यक्ति बेहोश हो जाए। क्लोरोफार्म भी 15 सेकंड तक रहता है।
-छात्रा ने बताया बेहोश करने वाला पदार्थ बदबूदार था, जबकि अगर क्लोरोफार्म होता तो वह गंधहीन होता है।
-छात्रा की दो नंबरों पर कई बार बात हुई थी। पूछताछ में छात्रा ने बताया नंबर चाची का है, लेकिन वह धर्मेंद्र और दूसरे युवक का निकला।
-छात्रा बोली ऑटो वाला घर छोड़ गया, लेकिन पुलिस को इस कहानी पर भी शंका हुई।
http://www.bhaskar.com/article/MP-IND-rape-story-found-to-be-false-after-investigation-indore-madhya-pradesh-4495230-NOR.html?seq=5
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