Tuesday, January 14, 2014

AAJTAK:अगली सरकार से पुरुष अधिकारों की रक्षा के लिए अलग मंत्रालय, आयोग बनाने की मांग


भाषा [Edited By: पीयूष शर्मा] | कोलकाता, 12 जनवरी 2014 | अपडेटेड: 21:47 IST

लोकसभा चुनावों के बाद सरकार बनाने वाली पार्टी को दहेज कानून के दुरुपयोग और यौन प्रताड़ना के झूठे मामले दर्ज कराए जाने के मद्देनजर पुरुष अधिकारों की रक्षा के लिए अलग से एक मंत्रालय और राष्ट्रीय आयोग बनाना चाहिए. इस आशय की मांग पुरुष अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के एक फोरम ने की है.

नेशनल कोएलिशन फॉर मेन (एनसीएम) ने 10 सूत्री मांगों वाला एक चार्टर जारी कर मांग की है कि राजनीतिक दलों को लोकसभा चुनावों के लिए इन पर विचार करना चाहिए. एनसीएम पुरुष अधिकारों के लिए लड़ रहे करीब 50 संगठनों का मंच है. एनसीएम ने कहा कि वे निर्दोष विवाहित और अविवाहित पुरुषों के 'लैंगिक पक्षपात' वाले कानूनों का शिकार होने की बढ़ती दर के मुद्दे को उठाना चाहते हैं.

संगठन के अध्यक्ष अमित गुप्ता ने बताया कि संगठन द्वारा जारी ‘मेन-आई-फेस्टो’ में पुरुषों के लिए मंत्रालय और आयोग बनाए जाने की मांग के साथ ही ‘लैंगिक पक्षपात वाले कानूनों’ को लैंगिक रूप से तटस्थ बनाए जाने, विवाहित पुरुषों द्वारा की जाने वाली आत्महत्याओं की जांच के लिए कार्यबल के गठन और परेशानी में पड़े पुरुषों के लिए एक हेल्पलाइन शुरू करने की भी मांग की गई है.

http://aajtak.intoday.in/story/make-separate-ministry-commission-to-protect-the---rights-of-men-1-751944.html

 

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